भाषा और रीडिंग स्पीड
वैसे तो आजकल कुछ पढ़ने के लिए समय निकालना बहुत ही मुश्किल जान पड़ता है और तब तो और मुश्किल हो जाती है जब आपके पास NETFLIX और AMAZON PRIME जैसे सेवा प्रदाता उपलब्ध हों। आखिर GAME OF THRONES को कौन पढ़ने की सोचता है जबकि उसके पास उसे देखने का विकल्प हो। पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें सनक रहती है पढ़ने की और जब पूरी दुनिया SACRED GAMES देखने में व्यस्त रहती है तब वो अकेले उसे अपने KINDLE में पढ़ते हुए पाए जाते हैं। 😅 ना ना, मैं नहीं शामिल हूँ ऐसी महान आत्माओं के वर्ग में। मुझे तो बहुत पसंद है ये SHOWS। परन्तु किसी लेखक की कहानी पढ़ने में और उसे देखने में बहुत अंतर है। पढ़ते समय आप स्वतंत्र होते हैं अपने प्रिय चरित्रों की सजीव कल्पना के लिए जबकि उस कहानी के आधार पे बने धारावाहिक में ऐसी स्वतंत्रता की अपेक्षा करना बचकाना हीं है। आर. आर. मार्टिन ने लिखा है, "A reader lives a thoousand lives before he dies. The man who never reads lives only one." तो फिर मार्टिन साहब के बातों में आकर मैंने एक और जिंदगी जीने की आशा में SACRED GAMES पढ़ा (😟🙊ओह्ह कलमुँही लंबी जबान!)। पढ़ने के दौरान मुझे और तीव्रता से पढ़ने की जरुरत महसूस हुई और मैंने इंटरनेट खंगालना शुरू किया। बहुत सारी सामग्री मिली और वहाँ मुझे READING SPEED (Words per minute)TEST के बारे में पता चला और जब TEST दिया तो होश उड़ गए। मेरी स्पीड तो केवल औसत स्तर की निकली। कहाँ तो मुझे हमेशा इस बात का दर्प रहता था कि मैं अच्छा खासा पढ़ने वाला हूँ और यहाँ तो TEST बता रहा था कि औसतन वर्ष में 3 या 4 किताबें हीं पढता होऊंगा। अब अगर जिंदगी में किसी एक ही क्षेत्र में आप औसत से थोड़ा ज्यादा हो और उसमें भी आपका आत्मविश्वास डोल जाये तो साक्षात् नर्क के दर्शन हो जाने की अनुभूति जागृत हो जाती है। मुझसे भी मेरा आत्मविश्वास दूर जाता दिख रहा था। अरे एक बात तो बताना भूल ही गया। वो जो TEST था वो केवल अंग्रेजी भाषा में ही उपलब्ध था और मैं ठहरा पूरा हिंदी माध्यम वाला ठेठ देशी लड़का। अंग्रेजी भाषा में स्पीड थोड़ी काम तो होगी ही ना आखिर वो मेरी मातृभाषा तो है नहीं। कई दिनों तक रोना धोना करने के बाद जब अचानक अक्ल से पत्थर हटा तो उपरोक्त बात समझ आई। फिर जाके कहीं मन हल्का हुआ लेकिन तब तक शुरुआत हो चुकी थी एक नए विचारों के बवंडर की। आखिर ऐसा कैसे हो रहा था कि हिंदी बहुल क्षेत्र में रहते और हिंदी की छाँव में ही पले बढे होने पे भी अंग्रेजी भाषा में TEST के परिणाम से दुःखी हो रहा था मैं। फिर एक और वाकया आया सामने जब कुछ परिचित छात्र IQ TEST दे रहे थे और वो TEST बहुत हद तक अंग्रेजी भाषा के ज्ञान पे ही आधारित था। बहुत ही विशाल और हृदयविदारक स्थिति है ये परन्तु इसका हल भी तो हमें ही ढूँढना पड़ेगा ना। अतएव कोशिश में लगा हुआ हूँ और सबका साथ और सुझाव मिले तो शायद हम अपनी मातृभाषा में एक READING SPEED TEST तो बना ही लेंगें। और हाँ वो READING SPEED TEST नहीं बल्कि पठन-तीव्रता परिक्षण होगा।
शेष शुभ और होली की ढेरों शुभकामनायें। 😁
शेष शुभ और होली की ढेरों शुभकामनायें। 😁
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